Wednesday, October 23, 2024
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RBI ने लगातार 10वीं बार रेपो रेट में नहीं किया बदलाव, जानिए इसकी वजह!

RBI MPC Meeting – दसवीं बार आरबीआई ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव

RBI MPC Meeting – आरबीआई ने इस बार भी प्रमुख ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने फरवरी, 2023 से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर ऐसे का ही ऐसा रखा हुआ है।

RBI MPC Meeting – भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बार भी प्रमुख ब्याज दरों को जैसे पहले था। अब भी ऐसा ही रखा है। आरबीआई ने प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई गवर्नर और एमपीसी चेयरमैन शक्तिकान्त दास ने आज एमपीसी के फैसलों की घोषणा करते हुए यह जानकारी दी। आरबीआई का आर्थिक व्यवहार समिति की बैठक सोमवार से शुरू हुई थी। इस महीने की शुरुआत में सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक दाम निश्चित करने की समिति मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का पुनर्गठन किया था। इसमें तीन नए बाहरी सदस्यों के साथ पुनर्गठित समिति ने इस बार यह बैठक की है। भारतीय रिजर्व बैंक ने फरवरी, 2023 से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर ऐसे ही रखा हुआ है।

नीतिगत रुख को किया न्यूट्रल

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि एमपीसी की बैठक में रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है साथ ही नीतिगत रुख को माध्यम (न्यूट्ल) कर दिया है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.7 फीसदी रहने का अनुमान है। गवर्नर ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग के कामों में कमी आने के संकेत दिखाई दे रहे है।

RBI के फैसले के बाद बाजार में आई तेजी

आरबीआई के फैसले पर शेयर बाजार में सही जवाब मिला। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 500 अंक उछल गया। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 150 अंक उछल गया।

इस साल 7.2% ग्रोथ रेट का अनुमान

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति ने वित्त वर्ष 2025 में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि घरेलू मामलों को लगातार अपना मोमेंटम बनाए हुए है। उन्होंने कहा, ‘साथ ही ग्लोबल इकोनॉमी अपना लचीलापन बनाए हुए है। भू-राजनीतिक तनाव, फाइनेंशियल मार्केट में उतार-चढ़ाव और बढ़े हुए सरकारी कर्ज के चलते डाउनसाइड रिस्क बना हुआ है। वहीं, सकारात्मक बात यह है कि वर्ल्ड ट्रेड इंप्रूवमेंट के संकेत दिखा रहा है।

महंगाई पर लगा लगाम

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि खरीफ के अच्छे रकबे और अच्छी वर्षा के चलते खाद्य महंगाई का दबाव कम हुआ है। उन्होंने कहा। ऐसा लगता है कि प्रमुख महंगाई दर निचले स्तर पर आ गई है।

क्या कह रहे एक्सपर्ट

स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट में रिसर्च प्रमुख संतोष मीना ने कहा, ‘RBI ने एक संतुलित मौद्रिक नीति घोषित की है, जिसमें ब्याज दरों को नहीं बदला गया है। साथ ही आरबीआई ने अपना रुख निष्पक्ष रखने का ऑप्शन चुना है। आरबीआई गवर्नर ने भू-राजनीतिक तनाव,महंगाई ,आर्थिक वृद्वि और NBFC क्षेत्र के भीतर जोखिम जैसे प्रमुख कारकों को संबोधित किया। बाजार के दृष्टिकोण से एमपीसी के फैसले सही हैं। दर में कटौती का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं था। लेकिन गवर्नर के भाषण में सूक्ष्म संकेत पहले की नीतियों में दर में कटौती की संभावना की ओर इशारा करते हैं। उन्होंने कहा बाजारों के सकारात्मक प्रतिक्रिया देने की उम्मीद है। निफ्टी के निकट अवधि में 25,330 और 25,500 के लेवल को टार्गेट करने की संभावना है। इसी तरह, बैंक निफ्टी तत्काल लक्ष्य के रूप में 51,700 और 52,300 का टार्गेट बना सकता है।

MintCFD के CMO राज पटेल ने आरबीआई की मौद्रिक पॉलिसी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। लेकिन अपना रुख बदलकर न्यूट्रल कर दिया है। इससे आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती का रास्ता खुल गया है। आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती होगी। ब्याज दरों में कटौती बाजार के लिए सकारात्मक होगा। हालांकि, आरबीआई की नजर खाद्य महंगाई पर मानसून का प्रभाव, भू-राजनीतिक तनाव और तेल की कीमतों और धातुओं की कमोडिटी पर रहेगा ।

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