क्या सस्ते हो जाएंगे लोन, RBI की बैठक में ब्याज दर पर क्या आ सकता है फैसला
आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास बुधवार नौ अक्टूबर को तीन दिन की बैठक के नतीजों की घोषणा करेंगे। भरतीय रिजर्व बैंक ने फरवरी 2023 से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर जैसा था वैसा ही रखा है।
भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई की इस सप्ताह होने वाली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में प्रमुख ब्याज दर रेपो में कटौती की संभावना नहीं है। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है। उनका कहना है कि महंगाई अब भी चिंता का विषय बनी हुई है। पश्चिम एशिया में महंगाई और बढ़ने की संभावना है। जिसका असर कच्चे तेल और कमोडिटी की कीमतों पर पड़ेगा। इस महीने की शुरुआत में सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की दर-निर्धारण समिति – मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का पुनर्गठन किया। इसमें तीन नए बाहरी सदस्यों के साथ पुनर्गठित समिति सोमवार को अपनी पहली बैठक शुरू करेगी।
9 अक्टूबर को आएगा फैसला
एमपीसी के चेयरमैन आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास बुधवार नौ अक्टूबर को तीन दिन बैठक के नतीजों की घोषणा करेंगे। भरतिया रिजर्व बैंक ने फरवरी 2023 से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर जैसे पहले था वैसी ही रखा है। विशेषज्ञों का मानना है कि दिसंबर में ही इसमें कुछ ढील की गुंजाइश है। सरकार ने केंद्रीय बैंक को यह निश्चित करने का काम सौंपा है। कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक महंगाई चार प्रतिशत पर बनी रही विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई संभवतः अमेरिकी फेडरल रिजर्व का अनुसरण नहीं करेगा, जिसमें नियमित रूप से अपडेट की जाने वाली ब्याज दरों में 0.5 प्रतिशत की कमी की है।
आरबीआई के रुख में बदलाव की उम्मीद कम
आरबीआई कुछ अन्य विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों का भी अनुसरण नहीं करेगा, जिन्होंने ब्याज दरों में कमी की है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, “हमें रेपो दर या एमपीसी के रुख में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं है। इसका कारण यह है कि सितंबर और अक्टूबर में महंगाई पांच प्रतिशत से ऊपर रहेगी और मौजूदा कम महंगाई रहेगीं। इसके अलावा, मुख्य महंगाई धीरे-धीरे बढ़ रही है। सबनवीस ने कहा कि ईरान-इजराइल संघर्ष और भी गहरा सकता है। और इसलिए नए सदस्यों के लिए भी मौजूदा स्थिति सबसे संभावित है।
जीडीपी अनुमान में भी बदलाव की उम्मीद नहीं
महंगाई के बारे में पहले ही से अनुमान लगना 0.1-0.2 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है और सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी अनुमान में किसी बदलाव की कोई संभावना नहीं है। केन्दीय बैंक ने पिछली बार फरवरी, 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था और तब से, उसने दर को उसी स्तर पर बनाए रखा है। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि शुरुआती पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि एमपीसी के अनुमान से कम रहने और दूसरी तिमाही में महंगाई के कम रहने के अनुमान को देखते हुए हमारा मानना है। कि अक्टूबर, 2024 की नीतिगत समीक्षा में रुख को बदलकर निष्पक्ष करना उचित हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसके बाद रेपो दर में दिसंबर, 2024 और फरवरी, 2025 में 0.25 प्रतिशत की कटौती हो सकती है। सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लि. के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि रियल एस्टेट उद्योग और डेवलपर समुदाय के साथ घर खरीदार ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन केंद्रीय बैंक लगातार दसवीं बार ब्याज दरों को जैसा था वैसा ही रखेगा।